भूतपूर्व नय!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतपूर्व नय – Bhutapurva Naya. A standpoint related to the past events. अतीत कालीन पर्यायों की अपेक्षा कथन करने वाला नय “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतपूर्व नय – Bhutapurva Naya. A standpoint related to the past events. अतीत कालीन पर्यायों की अपेक्षा कथन करने वाला नय “
द्युतिश्रुति Name of an Agradevi of Sun. सूर्य की एक अग्रदेवी का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गुणोपचार Change of nature with respect to association of different virtues. कार्यविधि , स्नान , गुणों के साहचर्य से आत्मा भी गुणसंज्ञा को प्राप्त होती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्तव्यसन चारित्र – Saptavyasana Chaaritra. Name of a book written by Manranglal. पंडि़त मनरंगलाल (ई. 1850-1890) द्वारा रचित भाषा छंदबद्व कथा।
दैव Accumulation of results of good and bad deeds of past life. भाग्य- प्राणी ने पूर्व भव में जिस पाप या पुण्य कर्म का संचय किया है वह दैव कहा जाता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजवर द्वीप – सागर – Bhujavara Dvipa Sagara. Name of an island and ocean of middle uni-verse. मध्यलोक में स्थित एक द्वीप व समुद्र का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सप्त ऋषि – Sapta Risi. Group of 7 particular saints, who were real brothers. चारण ऋद्विधारी 7 विषेष मुति-सुरमन्यु, श्रीमन्यु, श्रीनिचय, सर्वसुन्दर, जयवान्, विनयलालस और जयमित्र। उत्तम तप के कारण सातो भाई सप्त ऋषि कहलाये। इनके प्रभाव से मथुरा नगरी मे चमरेन्द्र यक्ष द्वारा प्रसारित महामारी रोग नष्ट हुआ था।
गुरुपरंपरा Tradition of Spiritual Teachers (Acharyas). आचार्य परमपरा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उत्सर्गपद्धति A supreme dedicational system (of omniscient etc.) for getting salvation.मोक्षमार्ग की वह पद्धति जिसमें वज्रवृषभनाराच प्रथम संहनन से ही ध्यान अथवा मोक्ष होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गौरव Eminence, Grandeur, Dignity. महत्त्व, बड़प्पन,सम्मान, अतिचार का एक भेद , वंदना का एक अतिचार ; भोजन उपकरण आदि की चाह से करना ऋद्धि गौरव दोष है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]