समरसी भाव!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समरसी भाव – Samarasee Bhaava. Supreme temperament. घ्येय और घ्याता का एकीकरण समरसीभाव माना गया है। यही एकीकरण समाधिरुप ध्यान है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समरसी भाव – Samarasee Bhaava. Supreme temperament. घ्येय और घ्याता का एकीकरण समरसीभाव माना गया है। यही एकीकरण समाधिरुप ध्यान है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनरंगलाल- Manarangalala. Name of a writer who wrote Namichandraka, specially 24, worshipping composition of 24 Jaina Lords and many other books. पंडित ; नमिचंद्रका, सप्तव्यसनचरित्र आदि के रचियता ” इनके द्वारा रचित 24 तीर्थंकरों की 24 पूजाएं अत्यंत प्रसिद्द हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाववेद – Bhavaveda. Psychic libido. वेद नोकषाय के उदय से मैथुन भाव होना, इसके ३ भेद हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवि – Prthivi. Sand, pebbles & stone, dust etc. inanimates are called as Prithivi. मार्ग में पड़ी धूलि, रत्न,पत्थर, कंकड़ आदि पृथिवि कहलाते हैं , जो अचेतन होते हैं “
घातांक Indices or Power (of a number). किसी गणितीय संख्या की घात का अंक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुलोचना – Sulochanaa. Name of the chief Aryika (Ganini) in the Samavsharan(assembly) of Lord Parshvanath, The daughter of king akampan. भगवान पार्श्वनाथ के समवसरण की मुख्य आर्यिका (गणिनी) । अपरनाम सुलोका । राजा अकम्पन की पुत्री, स्वयंवर में भरत चक्रवर्ती के सेनापति जयकुमार ने इसका वरण किया था ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशुध्दि – Vishuddhi. A state of lack of passions. संक्लेश परिणामों की हीनता अथवा साता वेदनीय कर्म के बन्ध में कारणभूत विशुध्द परिणाम “
चारित्र लब्धि Attainment of right conduct. यह व्रत १३ प्रकार के चारित्र की लब्धि के लिए किया जाता है . अहिंसा महाव्रत के १४ व, सत्य के ८ , अचौर्य के ८ , भाह्म्चार्य के २० , परिग्रह्त्याग के २४ , र५आत्रिभोजन त्याग का १ , ईर्यासमिति का १ , भाषा समिति के १० ,…
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम संख्यात- Madhyam Sankhayata. A mathematical term. एक गणितीय पद ” तीन, चार, पांच आदि एक कम उत्कृष्ट संख्यातपय्रत मध्यम संख्यात के भेद हैं “