उन्मत्त!
उन्मत्त Insane, Intoxicated, An infraction in posture of meditation. पागल नशे में धुत कायोत्सर्ग का एक अतिचार।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उन्मत्त Insane, Intoxicated, An infraction in posture of meditation. पागल नशे में धुत कायोत्सर्ग का एक अतिचार।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ग्रहण विधि Procedure of accepting vows. गुरु से व्रतों का उपदेश जानने के बाद उनसे व्रत ग्रहण करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव प्रत्याख्यान – Bhava Pratyakhyana. Internally renunciation of inauspicious deeds. अशुभ परिणामों का मैं त्याग करूंगा ऐसा संकल्प करना भाव प्रत्याख्यान है “
इत्वरिका परिगृहीतागमन Enjoying married woman. ब्रह्मचर्य अणुव्रत का एक अतिचार विवाहित व्यभिचारिणी स्त्री से हास्यादि संबंध रखना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आत्मलीनता Self absorbedness (engrossed in meditation). आत्म स्वरूप में लीन होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उदय Rising (of Sun etc.), Fruition (of Karmas), Name of the 19th planet सूर्य का उदित होना द्रव्यो क्षेत्र काल भाव के अनुरूप कर्मों के फल का प्राप्तn होना ८८ ग्रहों में १९ वाँ ग्रह।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नराषि – चमकते हुए रत्नो का ढेर जो कि तीर्थकर की माता कांे 15 स्वप्न के रूप् मे दिखाई देते है जिसका अर्थ पुत्र गुणों की खान होगा। Ratnarasi- Sparkling jewels (the 15th dream mark of lord’s mother)
दिगम्बर मुनि (साधु) Digambar saints, free from all worldly attachments. नग्न वसत्र आभूषण आदि समस्त परिग्रह रहित साधु जो इन्द्रिय विजयी 28 मूल गुणधारी होते हैं एवं जीवदया पालन हेतु मोर पंख की पिच्छी व शरीर शुद्धि हेतु जल के लिए काष्ठ का कमंडलु रखते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नत्रयचक्र यंत्र – एक यंत्र, जिस पर रत्नत्रय चक्र के मंत्र विभिन्न रेखाकृतिया बनाकर चित्रित किए जाते है। Ratnatrayacakra Yantra-A type of metallic engravd with some auspicious mystic words & diagrams
आमर्षोषध A supernatural power of medication. जिन ऋद्धि के प्रभाव से साधु के स्पर्श मात्र से जीव निरोगी हो जाते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]