अकृत्रिम वृक्ष जिनालय १० व्रत
अकृत्रिम वृक्ष जिनालय व्रत (जम्बूवृक्ष आदि १० वृक्षों के जिनालयों के १० व्रत) मंगलाचरण जंबूवृक्षादिशाखासु, परिवारद्रुमेष्वपि। जिनालया जिनार्चाश्च, तांस्ता नौमि शिवाप्तये।।१।। -शंभु छंद- जंबूवृक्षादिक दश तरु हैं, इनके परिवार वृक्ष भी हैं। छत्तीस लाख तेतालिस सहस, एक सौ बीस सर्व तरु हैं।। दशतरु में अकृत्रिम मंदिर, परिवारवृक्ष में देवभवन। इस सब में जिनगृह जिनप्रतिमा, इन…