सोलहकारण पूजा
“…सोलहकारण पूजा…” रचयित्री-आर्यिका चन्दनामती तर्ज-अब ना छुपाऊँगा………. दर्शनविशुद्धि हो, आतम की शुद्धि हो, आगे तीर्थंकर बनके, इस जग से मुक्ति हो, आओ करें मिल आज सोलहकारण पूजा-२।।टेक.।। जो सोलह भावना भाते, वे तीर्थंकर बन जाते।। केवलि श्रुतकेवलि पद में, ऐसे स्वर्णिम क्षण मिलते।। भावों की शुद्धि हो, निजगुण की वृद्धि हो, आगे तीर्थंकर बनके इस…