सरस्वती माता की आरती
सरस्वती माता की आरती तर्ज—झुमका गिरा रे……… आरति करो रे, जिनवाणी माता सरस्वती की आरति करो रे। द्वादशांगमय श्रुतदेवी का श्रेष्ठ तिलक सम्यग्दर्शन। वस्त्र धारतीं चारित के चौदह पूरब के आभूषण।। आरति करो, आरति करो, आरति करो रे, आकार सहित उन श्रुतदेवी की आरति करो रे।।१।। इनके आराधन से ज्ञानावरण कर्म क्षय होता है। मति…