पूज्य आर्यिका श्री रत्नमती माताजी की पूजन
पूज्य आर्यिका श्री रत्नमती माताजी की पूजन रचयित्री-बाल ब्र.कु. माधुरी शास्त्री -शंभु छंद- सम्यग्दर्शन और ज्ञान चरित की जहाँ एकता होती है। कलियुग में भी वहाँ मुक्ति पथ की सहजरूपता होती है।। माँ रत्नमती जी का जीवन है इसी त्रिवेणी का संगम। मैं भी स्नान करूँ उसमें इस हेतु कर रहा आराधन।। ॐ ह्रीं आर्यिकाश्रीरत्नमतीमात:!…