भजन
भजन…. तर्ज-माई रे माई…….. मांगीतुंगी सिद्धक्षेत्र पर, स्वर्णिम अवसर आया। युग की सबसे ऊँची प्रतिमा, बनने का क्षण आया।। बोलो जय जय जय, प्रभू की जय जय जय जय जय।।टेक.।। जहाँ कभी श्री पद्म-शैल ने मोक्षधाम पाया था। निन्यानवे कोटि मुनियों ने भी शिवपद पाया था।। उस पर्वत पर ऋषियों ने…….. उस पर्वत पर ऋषियों…