भजन
भजन… तर्ज—वह शक्ति…… हे विश्वशांति के उपदेष्टा, श्री ऋषभदेव प्रभु तुम्हें नमन। हे धर्म अहिंसा के नेता, श्री ऋषभदेव प्रभु तुम्हें नमन।।टेक.।। उपकार करूँ सारे जग का, यह भाव हृदय में आता है। दु:खियों को देख हृदय रोता, मन करुणा से भर जाता है।। दो शक्ति मुझे मैं सब जग का, दुख दूर कर सवूँâ…