णमोकार चालीसा
णमोकार चालीसा -आर्यिका चन्दनामती -दोहा- वंदूँ श्री अरिहंत पद, सिद्ध नाम सुखकार। सूरी पाठक साधुगण, हैं जग के आधार।।१।। इन पाँचों परमेष्ठि से, सहित मूल यह मंत्र। अपराजित व अनादि है, णमोकार शुभ मंत्र।।२।। णमोकार महामंत्र को, नमन करूँ शतबार। चालीसा पढ़कर लहूँ, स्वात्मधाम साकार।।३।। -चौपाई- हो जैवन्त अनादिमंत्रम्, णमोकार अपराजित मंत्रम् ।।१।। पंच पदों…