भजन
भजन… रचयित्री-आर्यिका श्री चंदनामती माताजी तर्ज—मेरे देश की धरती…… मेरे देश की धरती ज्ञानमती माता से धन्य हुई है मेरे देश की धरती…… ।। टेक.।। यह कृषि प्रधान है देश यहाँ, ऋषियों की तपस्या चलती है। ऋषियों…… यहां संस्कारों के उपवन में, मानवता छिप-छिप पलती है।। मानवता…… जहां सत्य, अिंहसा पालन की, पावनता मान्य हुई…