मोक्ष कल्याणक स्तोत्र
मोक्ष कल्याणक स्तोत्र —स्रग्विणी छंद— माघ कृष्णा चतुर्दश्य पूर्वाण्ह में। नखत अभिजित समय देव ‘वृषभेश’ ने।। दस सहस साधु सह अद्रि१ वैâलाश से। मोक्ष पहुँचे नमॅूँ आज मैं भाव से।।१।। पंचमी चैत्र शुक्ला सुपूर्वाण्ह में। एक हज्जार मुनिसह सुरोहीणि२ में।। नाथ ‘अजितेश’ सम्मेदशिखराद्रि से। मुक्ति पाई नमूं शीश को नाय के।।२।। चैत्र शुक्ला छठी काल…