जीवनदान
हिंसा करने वाले अज्ञानी प्राणियों को अहिंसा के द्वारा अपने जीवन को समुन्नत बनाने की यह एक रोमांचक घटना है |
करुणा रस से ओत – प्रोत एक धीवर की एक मछली से प्रति की गई करुणा और महामुनि से लिए गए एक छोटे से नियम को पालन करने की महिमा इस जीवनदान नामक लघु शास्त्रीय कथानक में वर्णित है | ५०० ग्रंथों की रचनाकर्त्री जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी परम पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के शास्त्रों का आलोढन कर इस रोमांचकारी कथा को अत्यन्त संक्षेप में प्रस्तुत कर सभी को अहिंसा धर्म के पालन की प्रेरणा प्रदान की है