13. श्रावक की ग्यारह प्रतिमा
श्रावक की ग्यारह प्रतिमा श्रावकों के लिए ग्यारह प्रतिमाएँ मानी गई हैं, अपनी-अपनी प्रतिमाओं के गुणधर्म पहले की प्रतिमाओं के गुणों के साथ क्रम से बढ़ते जाते हैं। दर्शन प्रतिमा-अतिचार रहित सम्यक्त्व को पालने वाला, संसार, शरीर और भोगों से विरक्त, पंच परमेष्ठियों की चरण शरण को प्राप्त और व्रतों के मार्गरूप अष्ट मूलगुणों को…