(८०) एकावली व्रत
(८०) एकावली व्रत किंनाम एकावलीव्रतम्? कथं च विधीयते व्रतिवैâ:? अस्य िंक फलम्? उच्यते-एकावल्यामुपवासा एकान्तरेण चतुरशीति: कार्या:, न तु तिथ्यादिनियम:। इदं स्वर्गापवर्गफलप्रदं भवति। इति निरवधिव्रतानि।। अर्थ-एकावली व्रत क्या है? व्रती व्यक्तियों के द्वारा यह वैâसे किया जाता है? इसका फल क्या है? आचार्य कहते हैं कि एकावली व्रत में एकान्तर रूप से उपवास और पारणाएँ की…