स्वर्ग में भी णमोकार महामंत्र है (आदिपुराण ग्रंथ से)
स्वर्ग में भी णमोकार महामंत्र है (आदिपुराण ग्रंथ से) तत्रोपपादशय्यायामुदपादि महोदय:। विमाने श्रीप्रभे रम्ये ललितांग: सुरोत्तम:।।२५४।। अर्थ–वहाँ पर श्रीप्रभ नाम के अतिशय सुंदर विमान में उपपाद शय्या पर बड़ी सिद्धी का धारक ललितांग नाम का उत्तम देव हुआ।।२५४।। पुनश्च ललितांग देव स्वर्ग के सुखों का अनुभव करते हुए अपनी आयु के छह माह शेष रहने…