काकन्दी तीर्थ की आरती
काकन्दी तीर्थ की आरती…… -प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामती तर्ज-मिलो न तुम तो……… पुष्पदंत जिन जन्मभूमि, काकन्दी तीरथ प्यारा, उतारें आरती-२।। सुर नर वंदित तीर्थ हमारा, काकन्दी जी न्यारा, उतारें आरती।।टेक.।। चौबीस तीर्थंकर में, पुष्पदंत स्वामी, नवमें जिनवर हैं।।हो…… काकन्दी नगरी तब से, पावन बनी सुर नर वंदित है।।हो…. इन्द्र, मनुज भी जिस नगरी को, शत शत…