(चौबीसी नं. ३) जम्बूद्वीप भरतक्षेत्र भविष्यत्कालीन तीर्थंकर स्तोत्र
(चौबीसी नं. ३) जम्बूद्वीप भरतक्षेत्र भविष्यत्कालीन तीर्थंकर स्तोत्र -गीता छंद- इस भरतक्षेत्र विषे जिनेश्वर भविष्यत में होएंगे। उनके निकट में भव्य अगणित कर्मपंकिल धोएंगे।। चौबीस तीर्थंकर सतत वे विश्व में मंगल करें। मैं भक्ति से वंदन करूँ मुझ सर्वसंकट परिहरें।।१।। -गीता छंद- ‘महापद्मनाथ’ प्रभु के, पदपद्म को जो वंदते। जगद्वंद फंद निमूल कर, वे सर्व…