पूर्व धातकीखण्ड द्वीप ऐरावत क्षेत्र की त्रैकालिक तीर्थंकर स्तुति
पूर्व धातकीखण्ड द्वीप ऐरावत क्षेत्र कीत्रैकालिक तीर्थंकर स्तुति श्री वङ्कास्वाम्युदत्तश्च, सूर्यराट् पुरुषोत्तम:। शरणस्वाम्यवबोधो, विक्रमोऽथ निर्घंटिक:।।१।। हरीन्द्र: परत्रेरितो, निर्वाण: सूरिनामक:। धर्महेतुश्चतुर्मुख:, सुकृतेन्द्राह्वयो जिन:।।२।। श्रुताम्बुश्च विमलार्को, देवप्रभो धरापति:। सुतीर्थ उदयानंद:, सर्वार्थो धार्मिकोऽपि च।।३।। क्षेत्रस्वामी हरिश्चन्द्र:, चतुर्विंशा इमे जिना:। धातक्यैरावतोद्भूता:, संतु मे विघ्नशांतये।।४।। अपश्चिम: पुष्पदंतो-ऽप्यर्हो चारित्रनामभाक्। सिद्धानंदो नंदगश्च, पद्मकूपाभिधो जिन:।।५।। उदयनाभी रुक्मेन्दु:, कृपालु: प्रौष्ठिलस्तथा। सिद्धेश्वरोऽमृत: स्वामी, भेनिंलग: सर्वरथ:।।६।।…