सामायिक कब और वैâसे करें?
सामायिक कब औरकैसे करें?…… साधुओं की सामायिक और देववंदना एक है। विधिवत् देववंदना करना इसी का नाम सामायिक है। ‘सत्त्वेषु मैत्रीं’ आदि पाठ पढ़कर जाप्य आदि करके सामायिक करना और देवदर्शन के समय देववंदना क्रिया करना ऐसा नहीं है प्रत्युुत त्रिकाल सामायिक के समय ही तीन बार देववंदना का विधान है। उसी को यहाँ सप्रमाण…