“…देवागम स्तोत्र (आप्तमीमांसा)…”
“…देवागम स्तोत्र (आप्तमीमांसा)…” अथ प्रथम: परिच्छेद: देवों की पूजा आदि से आप महान नहीं हैं देवागम – नभोयान – चामरादि – विभूतय:। मायाविष्वपि दृश्यन्ते, नातस्त्वमसि नो महान्।।१।। भगवन्! पंचकल्याणक में तव, देवोें का आगमन महान। केवलज्ञान प्रगट होने पर, नभ में अधर गमन सुखदान।। छत्र, चमर आदिक वैभव सब, मायावी में भी दिखते। अत: आप…