श्री ऋषभदेव स्तुति
श्री ऋषभदेव स्तुति…….. -गणिनी ज्ञानमती हे आदिनाथ! हे आदीश्वर! हे ऋषभ जिनेश्वर! नाभिललन! पुरुदेव! युगादि पुरुष ! ब्रह्मा, विधि और विधाता मुक्तिकरण।। मैं अगणित बार नमूँ तुमको, वन्दूँ ध्याउँâ गुणगान करूँ। स्वात्मैक परम आनन्दमयी, सुज्ञान सुधा का पान करूँ।।१।। आषाढ़ बदी दुतिया तिथि थी, मरुदेवी गर्भ पधारे थे। श्री हृी धृति आदि देवियों ने, माता…