भजन
भजन.. -आर्यिका चन्दनामती तर्ज-इस युग की माँ शारदे!… परमेष्ठी आचार्यश्री, सूरित अनेकांत हैं। शांति सिंधु शृंखला, शुद्ध मुनि परम्परा के सप्तम ये आचार्य हैं।।टेक.।। सदि बीसवीं के श्री शांतिसागर, मुनिवर ही प्रथमाचार्य हुए। मुनि-आर्यिकाओं को दीक्षा देकर चउसंघ के आचार्य हुए।। उसी वंशावलि में, आज की अवधि में, शोभित ये सप्तम आचार्य हैं। आकर्षक मुद्रा…