श्री चन्द्रप्रभ स्तुति:(सप्तविभक्ति समन्वित)
श्री चन्द्रप्रभ स्तुति: (सप्तविभक्ति समन्वित) श्रीचन्द्रप्रभदेवस्त्वं, चंद्रकांतिसमप्रभ:। श्रीचन्द्रप्रभदेवं त्वां, नमन्ति स्वसुखाप्तये।।१।। श्रीचन्द्रप्रभदेवेन, मोहध्वांतमपाकृतं। श्रीचन्द्रप्रभदेवाय, नम: स्वात्मगुणाप्तये।।२।। श्रीचन्द्रप्रभदेवात् हि, ज्ञानदीधितय: स्फुटा:। श्रीचन्द्र्रप्रभदेवस्य, भासंते भाक्तिका: भुवि।।३।। श्रीचन्द्रप्रभदेवेऽहं, दधे नित्यं स्वमानसं। श्रीचन्द्रप्रभदेव! त्वं, मह्यं देहि स्वसंपदं।।४।। सम्यग्ज्ञानमती प्राप्त्यै, केवलं त्वत्पदद्वयम्। आश्रयामि स्मरामि च, संततं भक्तिभावत:।।५।।