वङ्काघोष हाथी (दूसरा भव)
वङ्काघोष हाथी (दूसरा भव) (अति सघन सल्लकी नाम का वन है। जहाँ आज हर्ष का वातावरण है क्योंकि आज इस वन में विशाल मुनिसंघ ठहरा हुआ है) निर्देशक-(कहीं-कहीं ऊँचे वृक्षों के नीचे कुछ मुनि मिलकर स्वाध्याय कर रहे हैं। कहीं कोई मुनि अपनी शुद्धात्मा के ध्यान में निमग्न हैं, कुछ मुनि जिनेन्द्रदेव की आराधना में…