भजन
भजन तर्ज—सारे जग का तू सरताज ………….. सारे जग में तेरी धूम-बाबा हो बाबा, सारे जग में तेरी धूम-बाबा हो बाबा। सबसे ऊँची तेरी प्रतिमा, मांगीतुंगी तीर्थ की महिमा, बढ़ गई ज्ञानमती की गरिमा।।सारे.।। तीर्थंकर प्रथम इस धरा के हो तुम। कर्मयुग के प्रभो आदिब्रह्मा हो तुम।। तुमने मोक्षमार्ग बतलाया, जग को जीवनकला सिखाया, आदिब्रह्मा…