समवसरण मानस्तंभ पूजाचतुर्विंशति
समवसरण मानस्तंभ पूजा अथ स्थापना—नरेन्द्र छंद धूलिसाल के अभ्यंतर में चारों दिश वीथी में। मानस्तंभ रत्नमणि निर्मित शोभें चारों दिश में।। उनमें चारों दिश जिनप्रतिमा भक्ति भाव से वंदूँ। आह्वानन कर पूजन करके कर्म शत्रु को खंडूँ।।१।। ॐ ह्रीं चतुर्विंशतितीर्थंकरसमवसरणस्थितमानस्तम्भजिनबिंबसमूह! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननं। ॐ ह्रीं चतुर्विंशतितीर्थंकररसमवसरणस्थितमानस्तम्भजिनबिंबसमूह! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: स्थापनं। ॐ…