श्री ऋषभदेव व्रत (सर्वसंकटहर एवं सर्वसिद्धिप्रदायक व्रत)(१०८ व्रत)
श्री ऋषभदेव व्रत (सर्वसंकटहर एवं सर्वसिद्धिप्रदायक व्रत)(१०८ व्रत) व्रत की विधि— जैनधर्म अनादि है अत: तीर्थंकर परंपरा भी अनादि है। फिर भी इस युग की अपेक्षा कर्मभूमि के प्रारंभ में प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव हुये हैं। इन प्रभु का नाम स्मरण ही संपूर्ण पापों का नाश करके महान पुण्य का संचय करने वाला है। इनके…