भजन
भजन……… -प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी तर्ज—बहुत प्यार करते हैं हम…… शांतिनाथ प्रभु को है, मेरा नमन। चरण में समर्पित-२ हैं भक्ती सुमन।। शांतिनाथ……।। टेक.।। माँ ऐरादेवी के घर, रत्न खूब बरसे। हस्तिनापुरी में पिता, विश्वसेन हरषे।। ज्येष्ठ वदी चौदश को-२, हुआ प्रभु जनम।। शांतिनाथ……।।१।। चक्रवर्ती पाँचवें वे, शांतिनाथ स्वामी हैं। कामदेव तीर्थंकर की, पदवी…