भजन
भजन…… -प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चन्दनामती तर्ज—रोम-रोम से निकले…… रोम-रोम से निकले माता नाम तुम्हारा! हाँ नाम तुम्हारा।। ऐसा दो वरदान कि पाऊं, निश दिन दर्श तुम्हारा।। रोम……।।टेक.।। ज्ञानमती माता के पद में, जग ने तुमको पाया। एक सूर्य सम पूर्व दिशा ने, मानो तुम्हें उगाया।। पैâला दो आलोक ज्ञान का, यही तुम्हारा नारा।। रोम………।।१।। श्री चारित्र…