भजन
भजन… रचयित्री—प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामती धरती का तुम्हें नमन है, आकाश का तुम्हें नमन है। तीन लोक के सौ इन्द्रों ने, किया तुम्हें वंदन है।। सौ-सौ बार नमन है-२ पार्श्वनाथ प्रभु के चरणों में, सौ-सौ बार नमन है।।टेक.।। तीन तीर्थ माने हैं जिनके, पंचकल्याण से पावन, वाराणसि, अहिच्छत्र और सम्मेदशिखर मनभावन। इनके दर्शन से भक्तों के,…