अन्तरात्मा!
[[श्रेणी:जैन_सूक्तियाँ]] [[श्रेणी:शब्दकोष]] == अंतरात्मा : == अन्तरबाहिरजप्पे, जो वट्टइ सो हवेइ बहिरप्पा। जप्पेसु जो ण वट्टइ, सो उच्चइ अंतरंगप्पा।। जो अंदर और बाहर के जल्प (विचन—विकल्प) में रहता है वह बहिरात्मा है। और जो किसी भी जल्प में नहीं रहता, वह अन्तरात्मा कहलाता है। अक्खाणि बहिरप्पा, अंतरअप्पा हु अप्पसंकप्पो। —मोक्खपाहुड : ५ इन्द्रियों में आसक्ति…