चोरी :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == चोरी : == गुणा गौणत्वमायाति याति विद्या विडम्बनाम्। चौर्येणाकीर्तय: पुंसां शिरस्यादधते पदम्।। —ज्ञानार्णव : १२८ चोरी करने से गुण छुप जाते हैं, विद्या निकम्मी हो जाती है और बदनामी सिर पर चढ़कर बोलती है।