अभय :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] == अभय : ==जे ण कुणइ अवराहे, णो णिस्संको दु जणवए भमदि। —समयसार : ३०२ जो किसी प्रकार का अपराध नहीं करता, वह निर्भय होकर जनपद में भ्रमण कर सकता है। इसी प्रकार निरपराध (निर्दोष) आत्मा (पाप नहीं करने वाला) भी सर्वत्र निर्भय होकर विचरता है।संवेगजनितकरणा:, नि:शल्या मन्दर इव निष्कम्पा:। यस्य दृढ़ा…