धनासक्ति :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == धनासक्ति : == धन धरती में गाडै बौरा, धूरि आप मुख लावे। मूषक साँप होइगो आखर, तातै अलठि कहावै।। —आनन्दघन ग्रंथावली : पद—४ मूढ़ मानव अपने धन का संरक्षण करने हेतु धन को जमीन में गाड़ता है और उस पर धूल डालता है किन्तु वस्तुत: वह धन के…