संतोष :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == संतोष : == देिंवदचक्कवट्टित्तणाई रज्जाइ उत्तमा भोगा। पत्ता अणंतखुत्तो, न य हं तित्तिं गओ तेहिं।। —इन्द्रिय पराजय शतक : १६ देवपन, इन्द्रपन, चक्रवर्तीपन और राज्य आदि के उत्तम भोगों को मैंने अनंत बार पाया है, परन्तु अभी तक मैंने इनसे लेशमात्र भी तृप्ति नहीं पाई है। सव्वग्गंवथविमुक्को, सीईभूओ…