01.1 श्रावक धर्म एवं देव दर्शन विधि
श्रावक धर्म एवं देव दर्शन विधि १.१ श्रावक धर्म (गृहस्थ धर्म)- संसार के दुःखों से छुड़ाकर जो उत्तम सुख प्राप्त कराने में कारण हो, उसे धर्म कहते हैं। यह दो प्रकार का होता है- मुनिधर्म और श्रावक (गृहस्थ) धर्म। मुनिधर्म तो पापों के सर्व त्यागरूप होता है और गृहस्थ धर्म पापों के एकदेश त्याग रूप…