छठा व्यसन-चोरी करना गरीबी को आमंत्रण देता है
छठा व्यसन (चोरी करना गरीबी को आमंत्रण देता है) बिना दिये किसी की वस्तु लेने को चोरी कहते हैं। चोरी को ही अपनी आजीविका का साधन बना लेना चोरी व्यसन है। जिस मनुष्य को इस निंदनीय कर्म को करने की आदत पड़ जाती है वह धन संपत्तियुक्त होते हुए भी तीव्र लोभ अथवा अन्य व्यसनों…