02. णमोकार मंत्र का माहात्म्य
णमोकार मंत्र का माहात्म्य जीवंधर कुमार ने मरते हुए कुत्ते को णमोकार मंत्र सुनाया जिसके प्रभाव से वह मरकर देवगति में सुदर्शन यक्षेन्द्र हो गया। उसने वहाँ से आकर जीवंधर कुमार को नमस्कार किया और स्तुति की। एसो पंचणमो यारो, सव्व पावप्पणासणो। मंगलाणं च सव्वेिंस, पढमं हवइ मं गलं।। अर्थ - यह पंच नमस्कार मंत्र...