02. तीर्थंकर जन्मभूमि वंदना
तीर्थंकर जन्मभूमि तीर्थ वंदना शेर छन्द जय जय जिनेन्द्र जन्मभूमियाँ प्रधान हैं। जय जय जिनेन्द्र धर्म की महिमा महान है।। जय जय सुरेन्द्रवंद्य ये धरा पवित्र हैं। जय जय नरेन्द्र वंद्य ये तीरथ प्रसिद्ध हैं।।१।। मिश्री से जैसे अन्न में मिठास आती है। वैसे ही पवित्रात्मा तीरथ बनाती हैं।। हो गर्भ जन्म दीक्षा व ज्ञान...