अचल बलभद्र एवं द्विपृष्ठ नारायण
अचल बलभद्र एवं द्विपृष्ठ नारायण श्री वासुपूज्य भगवान के तीर्थ में द्विपृष्ठ नारायण, अचल बलभद्र एवं तारक नाम के प्रतिनारायण हुए हैं। नारायण का प्रतिनारायण प्रतिद्वन्दी-शत्रु होता है। ये नारायण आदि अद्र्धचक्री कहलाते हैं क्योंकि ये तीन खण्ड-एक आर्यखण्ड और दो म्लेच्छखण्ड पर विजय प्राप्त करने वाले होते हैं। प्रतिनारायण की आयुधशाला में चक्ररत्न...