Barah Bhavna ”’Written by – Aryika Chandnamati”’ ”’Tune – Chalat Musafir Moh liye Re……”’ ”I’m praying to you Jinvar deva!” ”I’m praying to you.” ”Praying to you, I’m saying to you-2” ”I’m praying to you Jinvar deva. I’m….” ”I did not know about my soul,” ”I could not think about myself.” ”So tell me that…
बारह अनुप्रेक्षा (संस्कृत, हिन्दी, मराठी, कन्नड़) इसमें संस्कृत की बारह भावनाएँ श्री अमृतचंद्रसूरि कृत हैं। हिन्दी व कन्नड़ भावनाएँ मेरे द्वारा (गणिनी ज्ञानमती द्वारा) रचित हैं एवं मराठी भावना के कर्ता का नाम अज्ञात है। ये भावनाएँ तत्त्वार्थसूत्र में कथित भावनाओं के क्रम से हैं। अध्रुव अनुप्रेक्षा (अनित्य भावना) श्री अमृतचन्द्रसूरि कहते हैं- क्रोड़ी करोति…
बारह अनुप्रेक्षा (प्राकृत) मंगलाचरण सिद्धे णमंसिदूण य झाणुत्तमखवियदीहसंसारे। दह दह दो दो य जिणे दह दो अणुपेहणा वुच्छं।।१।। जो उत्तम ध्यान के द्वारा दीर्घ संसार का नाश कर चुके हैं ऐसे सिद्ध भगवान को नमस्कार होवे। पुन: दस-दस, दो और दो ऐसे (१०+१०+२+२=२४) चौबीस तीर्थंकरों को नमस्कार करके मैं दस और दो अर्थात् बारह अनुप्रेक्षाओं…