”’Jainism for Beginner”’ ”’Namo Arihantanam”’ ”’Namo Siddhanam”’ ”’Namo Aayariyanam”’ ”’Namo Uvajjhayanam”’ ”’Namo Loye Savva Sahonam”’ ”’-Presented by – Ajay Sanjay Jain Papdiwal”’ ”’Namokar Mantra”’ Namo Arihantanam, Namo Siddhanam, Namo Aayariyanam, Namo Uvajjhayanam, Namo Loye Savva Sahonam. ”’Meaning of Namokar Mantra”’ ”’Namo Arihantanam”’:- Obeisance to the Omniscients. ”’Namo Siddhanam”’:- Obeisance to the Pure Souls. ”’Namo Aayariyanam”’:-…
जैन दर्शन जिसके द्वारा वस्तु तत्त्व का निर्णय किया जाता है वह दर्शनशास्त्र है। कहा भी है-‘‘दृश्यते निर्णीयते वस्तुतत्त्वमनेनेति दर्शनम्।’’ इस लक्षण से दर्शनशास्त्र तर्क-वितर्क, मन्थन या परीक्षास्वरूप हैं जो कि तत्त्वों का निर्णय कराने वाले हैं। जैसे-यह संसार नित्य है या अनित्य ? इसकी सृष्टि करने वाला कोई है या नहीं ? आत्मा का…
अल्पसंख्यक जैन समुदाय होने से हमें संवैधानिक सुरक्षा कवच प्राप्त संवैधानिक कवच १. जैन समुदाय के अल्पसंख्यक घोषित होने से संविधान के अनुच्छेद २५ से ३० के अनुसार जैन समुदाय धर्म, भाषा, संस्कृति की रक्षा संविधान में उपबन्धों के अन्तर्गत हो सकेगी। २. जैन धर्मावलम्बियों के धार्मिक स्थल, संस्थाओं, मंदिरों,तीर्थ क्षेत्रों एवं ट्रस्टों का सरकारीकरण…
अत्यंत सरल है जैनधर्म बहुत से लोग कहते हैं कि जैनधर्म एक बड़ा ही कठिन धर्म है, उसके लिए अमुख—अमुख प्रकार से बड़ी कठिन साधना करनी पड़ती है, बहुत भारी ज्ञान—चारित्रादि का गहन अभ्यास करना पड़ता है। कितने ही तो जैनधर्म के विद्वान होकर भी ऐसा कहते देखे जाते हैं कि जैनधर्म को समझना और…