भगवान मुनिसुव्रतनाथ चालीसा
श्री मुनिसुव्रतनाथ चालीसा दोहा पंचनमस्कृति मंत्र है, सर्व सुखों की खान। पंचपदों युत मंत्र को, वंदूँ शीश नवाय।।१।। पंचपरमगुरु को नमूँ, पंचमगति मिल जाए। रोग-शोक बाधा टलें, सुख अनन्त मिल जाए।।२।। श्रीमुनिसुव्रतनाथ का, यह चालीसा पाठ। पढ़ लेवें जो भव्यजन, शनिग्रह होवें शांत।।३।। शारद माता तुम मुझे, दे दो आशिर्वाद। तभी पूर्ण हो पाएगा, यह...