पूज्य प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चन्दनामती माताजी का साहित्य पूज्य चन्दनामती जी के इतने सामाजिक अवदानों के साथ ही उनके साहित्यिक अवदान भी कम नहीं हैं यदि हम उनकी कृतियों का मूल्यांकन/समीक्षा करने लग जाये तो एक प्रबन्ध बन जायेगा और वास्तव में आज इस बात की बहुत जरूरत है कि प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चन्दनामती माताजी…
विनयांजलि लेखिका-श्रीमती मालती जैन, बसंत कुंज, दिल्ली ज्ञानमती माँ ! पूर्ण चन्द्रमा, इनकी कला निराली है,गुरु से चंदनामती मात ने, पूर्ण चाँदनी पा ली है।।टेक.।। एक दूसरे की पूरक हो, मावस से र्पूिणमा बनीं, जैसा मार्ग दिखाया, गुरु ने, बहन माधुरी वहीं चलीं। सम्यग्दर्शन—ज्ञान—चरित में, ज्ञानमती माँ जग दर्पण, बना दिया चंदनामती को,…
परम पूज्य प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चन्दनामती माताजी-एक विराट व्यक्तित्व पथभ्रमित दर-दर भटकते जीव का संबल हो तुम। अध्यात्म की अनुपम मणि, कलिकाल की नवज्योति तुम।। वैराग्य की उत्कृष्ट स्वामिनि, हो स्वयं इतिहास तुम। हे माँ चरण तेरे पखारूँ, स्वयं शारद मात तुम।। जिस प्रकार समुद्र के भीतर रत्नों की अपार राशि भरी पड़ी है…
नमन करूँ मैं नमन करूँ तर्ज-धीरे-धीरे बोल कोई…….. नमन करूँ मैं नमन करूँ नमन करूँ मैं नमन करूँ, गुरु चरणों में नमन करूँ … नमन करूँ मैं नमन करूँ, गुरु चरणों में नमन करू आया है दीक्षा रजत दिवस, उन चरणों में शत शत नमन नमन करूँ…….. अवध प्रान्त में माँ तुमने है…