प्राकृत सिद्ध भक्ति (पद्यानुवाद)
प्राकृत सिद्ध भक्ति (पद्यानुवाद) हिन्दी पद्यानुवादकर्त्री - गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी श्री सिद्धचक्र सब आठ कर्म, विरहित औ आठ गुणों युत हैं। अनुपम हैं सब कार्य पूर्ण कर, अष्टम पृथ्वी पर स्थित हैं।। ऐसे कृतकृत्य सिद्धगण का, हम नितप्रति वंदन करते हैं। मन वचन काय की शुद्धी से, शिरसा अभिनन्दन करते हैं।।१।। तीर्थंकर...