उत्तम क्षमाधर्म!
उत्तम क्षमा धर्म (गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के प्रवचनांश……..) सब कुछ अपराध सहन करके, भावों से पूर्ण क्षमा करिये। यह उत्तम क्षमा जगन्माता, इसकी नितप्रति अर्चा करिये।। दशलक्षण पर्व का प्रारंभ क्षमाधर्म से होता है। ‘क्षमूष्’ धातु सहन करने अर्थ में है उस से यह ‘क्षमा’ शब्द बना है। आचार्यों ने क्रोध को अग्नि…