उत्तम अकिंचन्य धर्म भजन
भजन-९ उत्तम अकिंचन्य धर्म तर्ज—तुमसे लागी लगन…… धर अकिंचन धरम, कर ले तू शुभ करम, भव्य प्राणी, धन्य होगी तेरी जिन्दगानी।। टेक.।। ना मे किंचन अिंकचन धरम है, पर को निज मानना ही भरम है। तज दे मिथ्या भरम, पाल ले दश धरम, भव्य प्राणी। धन्य होगी तेरी जिन्दगानी।।१।। पांच पापों में परिग्रह…