उत्तम त्याग धर्म भजन
भजन-८ उत्तम त्याग धर्म तर्ज—तुमसे मिलने को….. त्याग लेने का मन करता है। हे प्रभो! त्याग लेने का मन करता है।। टेक.।। भ्रान्तिवश मैंने शुभ कर्म को तज दिया। विषय भोगों में ही अपना मन कर लिया।। उसे तजने का मन करता है।।हे प्रभो……।।१।। त्याग की महिमा अब मैंने जानी प्रभो। दान की गरिमा…