04.03. सुधर्म बलभद्र एवं स्वयंभू नारायण
चतुर्थ अधिकार सुधर्म बलभद्र एवं स्वयंभू नारायण भगवान विमलनाथ के तीर्थ में सुधर्म बलभद्र एवं स्वयंभू नारायण हुए हैं। उन्हीं का संक्षिप्त चरित कहा जा रहा है-जम्बूद्वीप के पश्चिमविदेह में मित्रनंदी राजा धर्मन्यायपूर्वक प्रजा का पालन कर रहे थे। किसी समय सुव्रतजिनेन्द्र के पादमूल में धर्मोपदेश सुनकर भोगों से विरक्त हुए जैनेश्वरी दीक्षा ले ली…